Neeraj Agarwal

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लेखनी कहानी -01-Apr-2024

शीर्षक - अप्रैलफुल


           हम सभी अपने अपने जीवन में एक तारीख 1 अप्रैलफुल मनाते हैं तब हम सभी सच जानते हैं कि इस नए कैलेंडर के मुताबिक नया साल 1 जनवरी के दिन से शुरू होना था जबकि पुराने कैलेंडर में साल की शुरूआत 1 अप्रैल (1st April) से लिखी थी. तो जब कैलेंडर बदल गया तो लोगों ने उन लोगों का मजाक बनाना शुरू कर दिया जो अब भी 1 अप्रैल को ही नया साल समझते थे और इस तरह अप्रैल फूल्स डे की शुरूआत हुई। इस बदलाव को बहुत से लोग समझ नहीं पाए। ऐसे में जो लोग जूलियन कैलेंडर के हिसाब से ही 1 अप्रैल को नया साल मनाते थे, उन्हें लोग फूल यानी कि बेबकूफ बोलने लगे और उनका मजाक उड़ाने लगे। इसी वजह से उन्हें अप्रैल फूल कहा जाने लगा और इस दिन की शुरुआत हो गई।
                           32 मार्च से भी जुड़ी है अप्रैल फूल की कहानी  अप्रैल की पहली तारीख को हर साल अप्रैल फूल डे मनाया जाता है. इस दिन बच्चों से लेकर बूढ़े तक सभी एक दूसरे का मूर्ख बनाते हैं। 1 अप्रैल का दिन खासतौर से मजाक, मस्ती के लिए ही बनाया गया है। प्रैंक या उल्लू बनाने के बाद जोर से चिल्लाकर अप्रैल फूल भी कहा जाता है। सबसे अच्छी बात कि इस दिन किए जाने वाले मजाक का लोग बुरा भी नहीं मानते। वैसे उल्लू बनाने का ये सिलसिला सिर्फ 1 अप्रैल को ही खत्म नहीं होता, बल्कि इसे पूरे महीने ही सेलिब्रेट किया जाता है।  
                   इस खबर को सुनते ही उनकी जनता खुशी से झूम उठी, लेकिन जब 31 मार्च साल 1381 का दिन आया, तो लोगों को समझ आया कि 32 मार्च तो होता ही नहीं है। जिसके बाद उन्हें समझ आ चुका था कि राजा-रानी ने उन्हें मूर्ख बनाया है। जिसके बाद 32 मार्च यानी 1 अप्रैल मूर्ख दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।  1979 में ईरान ने 1 अप्रैल को अपने राष्ट्रीय गणतंत्र दिवस के रूप में मनाये जाने की घोषणा की थी। फूल गोभी, बंदगोभी, गांठगोभी, मटर, फ्रांसबीन व प्याज - पहाडी व सर्द क्षेत्रों में अप्रैल माह में ये सभी फसलें लगाई जाती हैं। प्याज की नर्सरी लगाकर जून माह में खेत मे रोपी जा सकती हैं। मशरूम - खुम्ब बहुत कम स्थान लेती है तथा काफी आमदनी देती है। अप्रैल फूल दिवस पश्चिमी देशों में प्रत्येक वर्ष पहली अप्रैल को मनाया जाता है। कभी-कभी इसे ऑल फ़ूल्स डे के नाम से भी जाना जाता हैं। 1 अप्रैल आधिकारिक छुट्टी का दिन नहीं है परन्तु इसे व्यापक रूप से एक ऐसे दिन के रूप में जाना और मनाया जाता है जब एक दूसरे के साथ व्यावाहारिक परिहास और सामान्य तौर पर मूर्खतापूर्ण हरकतें की जाती हैं। इस दिन मित्रों, परिजनों, शिक्षकों, पड़ोसियों, सहकर्मियों आदि के साथ अनेक प्रकार की नटखट हरकतें और अन्य व्यावहारिक परिहास किए जाते हैं, जिनका उद्देश्य होता है। बेवकूफ और अनाड़ी लोगों को शर्मिंदा करना।
            सच तो यही हैं ऐसी जानकारी हम सभी गूगल करके शब्दों के साथ जोड़ कर लिखते हैं और अप्रैलफुल हम मनाते हैं। और सभी पाठकों से अनुरोध है अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते रहे और जीवन में मस्त रहे।

नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र

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6 Comments

Mohammed urooj khan

16-Apr-2024 12:12 AM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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Gunjan Kamal

11-Apr-2024 03:54 PM

बेहतरीन

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Varsha_Upadhyay

10-Apr-2024 11:44 PM

Nice

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